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रोशनी से भरी हो ज़िंदगी, जिधर नज़र जाए उधर सिर्फ़ ख़ुशी का हो माहौल। कहीं अंधेरा न हो, किसी की आंखों में उदासी न हो। जहां हर बच्चा रात को पेट भरने पर ही सोए। कोई भूखा न हो, कोई दुखी न हो। हर घर में रोज़ चूल्हे जलें, इंसानो की ज़िंदगी का हर दिन ख़ुशियों से भरी हो, न दुख, न तकलीफ़ और न किसी बात का ग़म हो। कहीं धोखा, फ़रेब, चालबाज़ी फ़िरक़ापरस्ती न रहे बाक़ी। न ही एक दूसरे के लिए हमारे दिलों में नफ़रत हो। हर तरफ़ हो, तो बस ख़ुशी ही ख़ुशी और प्यार ही प्यार। काश उपर वाला हमारी दुनियां ऐसी बना दे।
दीपावली रोशनी का वो पर्व है, जिसमें अंधेरे की कोई गुंजाइश नहीं। ‘’दीप’’ अंधेरे को चीरकर उसमें रोशनी भरता है। मगर कुछ अंधेरा वो अंधेरा नहीं होता, जो सिर्फ़ रोशनी के चले जाने के बाद आता है। ये वो अंधेरा है, जो इंसानियत को डूबो देता है। रोशनी की असल ज़रूरत वहीं पर है। हर साल हम अपने-अपने मज़हब से जुड़े पर्व तो मना लेते हैं, पर उसमें हमारी ज़िदगी के लिए छिपा संदेश नहीं समझ पाते। ज़िंदगी जीने की सीख हमे हमारा धर्म ही सिखाता है। मगर हम तेरा धर्म और मेरा मज़हब ही करते रह जाते हैं, और अपने धर्म के मक़सद को पहचान ही नहीं पाते। मैं कोई प्रवचन नहीं दे रहा और न ही मैं कोई ज्ञानी हूं। मगर इतना ज़रूर है कि मैं सोचता तो हूं।
हर साल की तरह इस साल भी आज दीपावली है। हम फिर वैसे ही रोशनी लगाएंगे, पटाख़े फोड़ेंगे और एक दूसरे से प्रतियोगिता करेंगे कि किसने कितने पटाख़े फोड़े, किसने कैसी सजावट की। इनसब के बीच क्या हम उस मासूम चेहरे को देख पाते हैं, जिन्हें पटाख़े तो दूर की बात, उनके पेट में खाना है या नहीं ? एक बार ज़रूर सोचें कि हम तो पटाख़े फोड़ रहे हैं, मगर कहीं हमारे आस-पास कोई ऐसा तो नहीं, जिसे हमारे मदद की ज़रूरत हो। हमारे तो घर रोशन हो रहे, मगर कहीं किसी के घर का चूल्हा तो नहीं बूझा है। हमारे दिये तो जगमगा रहे हैं, मगर किसी का बच्चा तो नहीं भूखा है ? सही रोशनी तब होगी जब हमारे आस-पास अंधेरा न हो। हमारी दीपावली तब अच्छी मनेगी जब हमारे बग़ल के घर के चूल्हे पे चढ़ा बर्तन ख़ाली नहीं होगा।
अगर हम सारे लोग सिर्फ़ अपने आस-पास के लोगों का, सिर्फ़ इतना ही ध्यान रख लें तो यक़ीन जानिए इससे बड़ी दीपावली आपको कोई और नहीं लगेगी। एक ग़रीब बच्चे की मुस्कुराहट हज़ार दियों की रोशनी से ज़्यादा तेज़ रोशनी देगी, ये रोशनी आपको आपकी ज़िंदगी की सबसे बड़ी खुशी देगी। तो फिर मनाएं जमके अपनी दिवाली, प्यार और मुहब्बत के साथ करें दूर अग़ल-बग़ल का अंधेरा भी।
फ़ोटो: सौजन्य quora.com / happysmswishes.com
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