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पाकिस्तानी कलाकारों को ‘कहीं न तो कहीं हां’ !

हमसब की बात
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देश में जहां तीन तलाक़, यूनिफ़ार्म सिविल कोर्ट और उरी अटैक के बाद पाकिस्तानी कलाकारों के विरोध का मामला गरमाया हुआ है । जहां एक तरफ़ राजठाकरे और उनकी पार्टी ‘मनसे’ पाकिस्तानी कलाकारों का विरोध कर रही है, ख़ासकर करण जौहर की फ़िल्म ‘ऐ दिल है मुश्किल’ को लेकर जितना हंगामा हुआ। अंत में महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री ने मध्यस्तता की और करण जौहर एवं राजठाकरे के बीच मनसे की शर्तों पर सुलह करवाया। वहीं भारत द्वारा पाकिस्तान समेत कई मुल्कों के लोगों को भारतीय नागरिकता भी दी जा रही है। हाल के महीनो में पाकिस्तानी कलाकार अदनान समी के बाद अब सलमा आग़ा। जिन्हें हम 1982 में रिलीज़ हुई फ़िल्म ‘निकाह’ के लिए जानते हैं। उनके गाए गीत ‘’दिल के अरमां आंसूओं में बह गए’’ आज भी दर्द का पर्याय बने हुए हैं।

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मैं न तो कभी से पाकिस्तानी कलाकारों के ख़िलाफ़ था और न हूं। मगर जिस तरह हाल के दिनो में इतने हंगामे हुए और आख़िरकार एक तरह से सरकार राजठाकरे के आगे झुकी, ये बात समझ से परे है। या तो सरकार ये मानती है कि राजठाकरे सही हैं और उनका पाकिस्तानी कलाकारों का विरोध जायज़ है या कहीं ऐसा तो नहीं कि सरकार उस मसले को मनसे की शर्तों पर ही सुलझाना चाह रही थी।

बात नहीं समझ आने की वजह ये है कि, जहां मनसे के विरोध पर सरकार झुकी और अपनी फ़िल्म को विरोध से बचाने के लिए करण जौहर को शर्त माननी पड़ी। साथ ही ये भी वादा करना पड़ा कि वो पाकिस्तानी कलाकारों को भविष्य में काम नहीं देंगे। ये सब मुख्यमंत्री के मौजूदगी में सरकार की जानकारी में हुआ। दूसरा पहलु देखें तो हम देखते हैं कि इसी बीजेपी सरकार ने जिसने महाराष्ट्र में एक तरह से राजठाकरे के सामने घुटने टेके और पाकिस्तानी कलाकारों का विरोध अप्रत्यक्ष रूप से स्वीकार किया। वही बीजेपी सरकार केन्द्र में पाकिस्तानी कलाकारों और नागरिकों को भारतीय नागरिकता दे रही है। यही नहीं बल्कि सलमा आग़ा ने कहा कि नरेन्द्र मोदी ने उन्हें कहा है कि देश के क़रीब सौ शहरों में तिरंगा यात्रा निकलेगी जिसकी ब्रांड फ़ेस सलमा आग़ा होंगी और ये यात्रा कश्मीर से कन्याकुमारी तक की होगी । जो अलग-अलग शहरों में अलग-अलग समय में निकलेगी।

2016 में अब तक लगभग 66 पाकिस्तानी नागरिकों को भारतीय नागरिकता मिली, जिसमें अदनान समी और सलमा आग़ा शामिल हैं। 2015 में इसी बीजेपी की सरकार ने 263 पाकिस्तानियों को भारतीय नागरिकता दी और 2014 में 267 पाकिस्तनी भारतीय नागरिक बने।

अगर सरकार पाकिस्तानी कलाकार या नागरिक को भारतीय नागरिकता दे सकती है, तो फिर क्यों राजठाकरे के विरोध के आगे झुकना पड़ा करण जौहर को, और क्यूं कहना पड़ा कि आगे पाकिस्तानी कलाकारों के साथ वो काम नहीं करेंगे ? कहीं राजठाकरे का क़द सरकार की ताक़त से ज्यादा तो नहीं या किसी पार्टी विशेष के गुंडे सरकार की ताक़त पर भारी हैं। क्योंकि एक तरफ़ सरकार का ये रूप कि नागरिकता देना और दूसरी तरफ़ झुकना ये समझ से परे है।

फ़ोटो सौजन्य- यूट्यूब

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